नमस्कार दोस्तों, हमारा आज का आर्टिकल हिंदी व्याकरण का एक और महत्वपूर्ण अध्याय Samas in hindi grammar | समास किसे कहते हैं?, समास की परिभाषा, समास के भेद/प्रकार से सम्बन्धित है।
schools के exams के अलावा competition exams में समास के उदाहरण से संबंधित 1 से 2 question हमेशा पूछे जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारा आज का आर्टिकल समास किसे कहते हैं? समास परिभाषा, भेद व उदाहरण है।
Table of Contents
Samas in hindi grammar | समास किसे कहते हैं Class 9 (Samas kise kahate hain)
समास शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है संक्षेप (छोटा रूप)। शब्दों के संक्षिप्तिकरण की प्रक्रिया को ही समास कहते हैं।
अर्थात, दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए शब्दों के समूह, जिनका कोई सार्थक अर्थ निकलता हो, समास कहलाता है।
समास की परिभाषा
कम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट करने वाले शब्दों के सार्थक समूह को समास कहते हैं।
पूर्वपद और उत्तरपद क्या होते है?
कोई भी समास शब्द दो पदों से मिलकर बना होता है, जिसमें पहला शब्द पूर्वपद तथा दूसरा शब्द उत्तरपद कहलाता है।
जैसे – गंगाजल, इसमें गंगा पूर्वपद और जल उत्तरपद है।
सामासिक शब्द या समस्तपद किसे कहते है?
जो शब्द समास के नियमों (पूर्वपद+उत्तरपद) के प्रयोग से बनता है, वह सामासिक शब्द या समस्तपद कहलाता है।
जैसे – चरण+कमल = चरणकमल
समास-विग्रह किसे कहते है?
सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। विग्रह के पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाता है।
जैसे – राजपुत्र – राजा का पुत्र
समास के उदाहरण
चरणकमल | कमल के समान चरण |
रसोईघर | रसोई के लिए घर |
नीलकंठ | नीला है कंठ जिसका (शिव) |
चौराहा | चार राहों का समूह |
हथकड़ी | हाथ के लिए कड़ी |
लम्बोदर | लम्बा है उदर जिसका (गणेश) |
मृतुन्जय | मृत्यु को जितने वाला (शंकर) |
समास के प्रकार/भेद कितने है? | Samas kitne prakar ke hote hain?
समास के मुख्यत: 6 भेद होते हैं –
- अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)
- तत्पुरुष समास (Determinative Compound)
- कर्मधारय समास (Appositional Compound)
- द्विगु समास (Numeral Compound)
द्वन्द समास (Copulative Compound) - बहुव्रीहि समास (Attributive Compound)
अव्ययीभाव समास किसे कहते है? | Avyayibhav Samas in Hindi
जिस समास का पहला पद (पूर्व पद) प्रधान हो और वह अव्यय (अपना रूप सदैव एक ही रखे) हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
इसमें अव्यय पद हमेशा एक जैसा रहता है, अव्यय पद का प्रारूप कभी भी लिंग, वचन, कारक में बदलता नहीं है।
पहचान – अव्ययीभाव समास के प्रथम पद में ‘अनु, आ, प्रति, भर, यथा, यावत, हर आदि होता है।
जैसे – यथामति (मति के अनुसार), आमरण (मृत्यु कर)। इनमें यथा और आ अव्यय है।
अव्ययीभाव समास के उदाहरण | Avyayibhav Samas ke udaharan
समस्त-पद | समास-विग्रह |
अनुरूप | रूप के योग्य |
आजीवन | जीवन-भर |
यथासंभव | जैसा संभव हो |
यथासामर्थ्य | सामर्थ्य के अनुसार |
यथाशक्ति | शक्ति के अनुसार |
यथाविधि | विधि के अनुसार |
यथाक्रम | क्रम के अनुसार |
भरपेट | पेट भरकर |
हररोज़ | रोज़-रोज़ |
हाथोंहाथ | हाथ ही हाथ में |
रातोंरात | रात ही रात में |
प्रतिदिन | प्रत्येक दिन |
बेशक | शक के बिना |
निडर | डर के बिना |
निस्संदेह | संदेह के बिना |
प्रतिवर्ष | हर वर्ष |
प्रतिदिन | प्रत्येक दिन |
प्रतिकूल | इच्छा के विरुद्ध |
भरपेट | पेट भर के |
तत्पुरुष समास किसे कहते हैं? | Tatpurush Samas in Hindi
तत्पुरुष समास, अव्ययीभाव समास के विपरीत होता है। जहां अव्ययीभाव समास में प्रथम पद प्रधान होता है, वहीं तत्पुरुष समास में बाद का पद यानी उत्तरपद प्रधान होता है।
अर्थात, जिस समास का उत्तरपद प्रधान और पूर्वपद गौण हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।
इसमें दोनों पदों के बीच का कारक चिन्ह लुप्त हो जाता है।
जैसे – चिड़ीमार – चिड़ियों को मारने वाला
तत्पुरुष समास के उदाहरण | Tatpurush Samas ke udaharan
समस्त-पद | समास-विग्रह |
मनचाहा | मन से चाहा |
धर्मग्रन्थ | धर्म का ग्रन्थ |
राजपुत्र | राजा का पुत्र |
स्नानघर | स्नान के लिए घर |
विद्यासागर | विद्या का सागर |
तत्पुरुष समास के भेद – Tatpurush Samas ke bhed
विभक्तियों के नामों के अनुसार तत्पुरुष समास के 6 भेद होते हैं –
1. कर्म तत्पुरुष – इसमें कर्म कारक की विभक्ति ‘को’ का लोप होता है। जैसे – यशप्राप्त – यश को प्राप्त
2. करण तत्पुरुष – इसमें करण कारक की विभक्ति ‘से’ और ‘के द्वारा’ का लोप होता है। जैसे – मदांध – मन से अँधा
3. सम्प्रदान तत्पुरुष – इसमें सम्प्रदान कारक की विभक्ति ‘के लिए’ का लोप होता है। जैसे – गौशाला – गौ के लिए शाला
4. अपादान तत्पुरुष – इसमें अपादान कारक की विभक्ति ‘से’ का लोप होता है। जैसे – गुणहीन – गुण से हीन
5. सम्बन्ध तत्पुरुष – इसमें सम्बन्ध कारक की विभक्ति ‘का’, ‘के’, ‘की’ आदि का लोप हो जाता है। जैसे – शिवालय – शिव का आलय
6. अधिकरण तत्पुरुष – इसमें अधिकरण कारक की विभक्ति ‘में’ और ‘पर’ का लोप हो जाता है। जैसे – गृहप्रवेश – गृह में प्रवेश
कर्मधारय समास किसे कहते हैं? | Karmdharay Samas in Hindi
कर्मधारय समास में उत्तरपद प्रधान होता है तथा इसमें पूर्व और उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य, अथवा उपमान-उपमेय का संबध होता है।
जैसे – महादेव – महान हैं जो देव
कर्मधारय समास के उदाहरण | Karmdharay Samas ke udaharan
समस्त-पद | समास-विग्रह |
अधमरा | आधा है जो मरा |
परमानन्द | परम है जो आनंद |
लालमणि | लाल है जो मणि |
कनकलता | कनक की-सी लता |
कमलनयन | कमल के समान नयन |
दहीबड़ा | दही में डूबा बड़ा |
चंद्रमुख | चन्द्र के समान मुख |
मृगनयनी | मृग के समान नयन |
देहलता | देह रूपी लता |
नीलकमल | नीला कमल |
पीतांबर | पीला अंबर (वस्त्र) |
चंद्रमुख | चंद्र जैसा मुख |
लालमणि | लाल है जो मणि |
दुर्जन | दुष्ट है जो जन |
द्विगु समास किसे कहते हैं? | Dvigu Samas in Hindi
द्विगु समास में पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण होता है, इसमें समूह अथवा समाहार का बोध होता है।
जैसे – चौराहा – चार राहों का समूह
द्विगु समास के उदाहरण | Dvigu Samas ke udaharan
समस्त-पद | समास-विग्रह |
नवग्रह | नौ ग्रहों का समूह |
दोपहर | दो पहरों का समाहार |
त्रिलोक | तीन लोकों का समाहार |
त्रिकोण | तीन कोणों का समूह |
तिरंगा | तीन रंगों का समूह |
चौमासा | चार मासों का समूह |
नवरात्र | नौ रात्रियों का समूह |
शताब्दी | सौ अब्दो (वर्षों) का समूह |
अठन्नी | आठ आनों का समूह |
त्रयम्बकेश्वर | तीन लोकों का ईश्वर |
सप्ताह | सात दिनों का समूह |
सप्तऋषि | सात ऋषियों का समूह |
नवरात्र | नौ रात्रियों का समूह |
द्वन्द समास किसे कहते हैं? | Dvand Samas in Hindi
द्वन्द समास में दोनों पद प्रधान होते हैं तथा इन्हें विग्रह करने पर ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ अदि का प्रयोग किया जाता है।
इस समास के दोनों पदों के बीच योजक चिन्ह (-) लगा होता है।
जैसे – राधा-कृष्ण – राधा और कृष्णा।
द्वन्द समास के उदाहरण | Dvand Samas ke udaharan
समस्त-पद | समास-विग्रह |
नदी-नाले | नदी और नाले |
ऊँच-नीच | ऊँच या नीच |
देश-विदेश | देश और विदेश |
पाप-पुण्य | पाप और पुण्य |
अन्न-जल | अन्न और जल |
आगे-पीछे | आगे और पीछे |
सीता-राम | सीता और राम |
खरा-खोटा | खरा और खोटा |
ऊँच-नीच | ऊँच और नीच |
राधा-कृष्ण | राधा और कृष्ण |
बहुव्रीहि समास किसे कहते हैं? | Bahuvrihi Samas in Hindi
जिस समास के दोनों पद अप्रधान हों और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
अर्थात्, बहुव्रीहि समास में कोई भी पद प्रधान नही होता है, इसमें दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं।
जैसे – नीलकंठ – नीला है कंठ जिनका (शिव)
बहुव्रीहि समास के उदाहरण | Bahuvrihi Samas ke Udaharan
समस्त-पद | समास-विग्रह |
पीतांबर | पीला है अम्बर (वस्त्र) जिसका अर्थात् श्रीकृष्ण |
लंबोदर | लंबा है उदर (पेट) जिसका अर्थात् गणेशजी |
नीलकंठ | नीला है कंठ जिसका अर्थात् शिव |
दशानन | दश है आनन (मुख) जिसके अर्थात् रावण |
श्वेतांबर | श्वेत है जिसके अंबर (वस्त्र) अर्थात् सरस्वती जी |
घनश्याम | घन के समान श्याम हैं जो अर्थात् कृष्ण |
गिरिधर | गिरि को धारण करने वाला अर्थात् कृष्ण |
त्रिलोचन | तीन है लोचन जिनके अर्थात् शिव |
सुलोचना | सुंदर है लोचन जिसके अर्थात् मेघनाद की पत्नी |
दुरात्मा | बुरी आत्मा वाला अर्थात् दुष्ट |
समास से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | Samas in Hindi Grammar FAQ
समास किसे कहते हैं इसके कितने प्रकार हैं?
शब्दों के संक्षिप्तिकरण की प्रक्रिया को ही समास कहते हैं। समास 6 प्रकार हैं –
अव्ययीभाव समास
तत्पुरुष समास
कर्मधारय समास
द्विगु समास
द्वन्द समास
बहुव्रीहि समास
समास क्या है उदाहरण?
कम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट करने वाले शब्दों के सार्थक समूह को समास कहते हैं। उदाहरण – चरणकमल – कमल के समान चरण, रसोईघर – रसोई के लिए घर, नीलकंठ– नीला है कंठ जिसका (शिव), चौराहा- चार राहों का समूह।
समास युक्त पद को क्या कहते हैं?
समास युक्त पद को ‘समस्त पद’ कहते हैं।
संस्कृत में समास कितने प्रकार के होते है?
सम् उपसर्गपूर्वक अस् धातु से घञ् प्रत्यय करने पर ‘समास’ शब्द निष्पन्न होता है। जैसे – सीतायाः पतिः = सीतापतिः।
उपकृष्णम् कौन सा समास है?
अव्ययीभाव समास।
आज आपने क्या सीखा ?
आज के आर्टिकल में हमने समास किसे कहते हैं? समास की परिभाषा, समास के भेद/प्रकार, Samas in hindi grammar के बारे में जानकारी दी है।
जहां हमने पूरे विस्तार से “Samas kise kahate hain” समास के बारे में पढ़ा है तथा समास के प्रकार को समझा है। हिन्दी व्याकरण से सम्बंधित और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारे होम पेज पर जाएं तथा आपके मन में हमारे इस लेख से सम्बन्धित किसी भी प्रकार के प्रश्न होने पर आप कमेंट बॉक्स में लिखें। हम आपके प्रश्नों का समाधान ढूंढने की पूरी कोशिश करेंगे। धनयवाद!
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